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बंटवारे की कहानी

Posted on 16 May 20242 June 2024 By Mahendrakumar Singh

खूनी बंटवारा, जबरदस्ती का बंटवारा, जानबूझकर किया गया बंटवारा / मजबूरी का बंटवारा / दक्षिण कोरिया वर्सेज उत्तर कोरिया का बंटवारा, पारिवारिक जनसंख्या बढ़ जाने के बाद सम सामयिक बंटवारा, नैतिक और उपयुक्त बंटवारा, बंटवारे की मजबूरी का बंटवारा, फिलिस्तीनी और इजराइल का बंटवारा, सोनिया गांधी और मेनका गांधी का बंटवारा, राजनीतिक पार्टियों का बंटवारा, राजाओं और महाराजाओं का बंटवारा, पांडवों और कौरवों का बंटवारा, कांग्रेस का बंटवारा, अपना दल का बंटवारा, अपना दल के राजनीति में मां बेटी का बंटवारा, ईस्ट और वेस्ट जर्मनी का बंटवारा। 1949 में जर्मनी दो स्वतन्त्र राष्ट्र में तब्दील हो गया। पश्चिम जर्मनी जो पश्चिमी देशों से संलग्न हो गया जबकी पूर्व जर्मनी सोवियत यूनियन से संलग्न रहा ।
जर्मनी पुनः एकीकृत हो गया और ये एकीकरण बिना किसी खून खराबे के संपन्न हो गया और दोनों राष्ट्रों को बांटने वाली वर्लिन वॉल भी समाप्त हो गई। अब जर्मनी को वर्लिन वॉल बंटवारा से नहीं बुलाया जाता।
बंटवारे भी अजीबो गरीब हुए हैं। साउथ कोरिया और दक्षिण कोरिया का बंटवारा भारत, पाकिस्तान और पूर्व पाकिस्तान का बंटवारा, ईस्ट पाकिस्तान और वेस्ट पाकिस्तान का बंटवारा, सोवियत यूनियन का बंटवारा, सोवियत रूस यानी रूस में बंटवारे की खूनी राजनीति या खूनी बंटवारे की राजनीति / श्रीलंका में तमिल ईलम और सिंहली बंटवारे का अधूरी और खूनी अंत, इन सब बंटवारों से आज भी हम कुछ भी नहीं सीख पाए और आज भी बंटवारे के नाम पर खूनी जंग और हास्यास्पद मजाक कर रहे हैं। अब चाहे भारत पाकिस्तान हो, या दक्षिण और उतरी कोरिया हो, हम आज भी मजाक कर रहे हैं बंटवारे के बाद बंटवारे के नाम पर !!
रूस और यूक्रेन को बंटवारे के किस श्रेणी में डाला जा सकता है !!

ये बंट तो गए लेकिन बंट नहीं पाए तो क्या ये अब एकीकृत हो जायेंगे ???

क्या एकीकृत होने के लिए लड़ाई चल रही है ??
कुछ देश लड़कर, कटकर, मार कर और मरकर बंटे और कुछ शांति से बंट – बांट दिए गए लेकिन बड़ा अजीब तर्क है रूस का की वो अब यूक्रेन को एकजुट करने के लिए युद्ध कर रहा है !!
इतिहास में ऐसे छड़ बहुत कम आते हैं की कोई दो परिवार या दो देश एकीकृत होने के लिए लड़ रहे हैं, खूनी मारामारी और तबाही कर रहे हैं !
यूक्रेन को रूस समेट लेना चाहता है, रूस एकीकृत करने के लिए अपने देश के युवा सैनिकों की आहुति दे रहा है ?? यूक्रेन आज अपने आप नहीं बना, यूक्रेन के बनाने में रूस का हांथ था, रूस का यूक्रेन था, यूक्रेन रूस में था, रूस का एक अभिन्न हिस्सा यूक्रेन था !! प्यार से बंट गए थे और आज एक होने के लिए लड़ रहे हैं !! युक्रेन को रूस ने ही तो अलग किया था, अब रूस यूक्रेन को सबक सिखाने के लिए या फिर उसे अपने साथ मिलाने के लिए लड़ रहा है !! अजीब फंडे देश दुनियां में सामने आ रहे हैं। कौरव पांडव बंटवारे के लिए लड़ गए, भरत की मां कैकेई राम को बंटवारे के लिए जंगल का रास्ता दिखा दिया !! आज की राजनीति में पारिवारिक बंटवारा राजनीतिक बंटवारे का आश्रय लेता है !! बंटवारे से पहले आंतरिक और मानसिक बंटवारा हो चुका होता है, और लाइन खींचने के बाद लोग अक्सर बंटवारे को गलत साबित करने के लिए खूनी जंग में लीन तल्लीन हो जाते हैं!!
अक्सर प्रॉपर्टी के लिए बंटवारा होता रहता है और पारिवारिक बंटवारे का इतिहास बहुत जटिल है !! अनेकानेक कारण हैं बटवारों का ??
बंटवारा प्रकृति की सामान्य प्रक्रिया है ?? भिन्नता प्रकृति के अंग अंग में समाया हुआ है ! विभिन्नता में एकता का आभास दिलाना समाज और प्रकृति को सहज रूप से संचालित होने के लिए जरूरी है वर्ना तो जो कलह और वैमनस्यता जारी है वो और भी वीभत्स रूप धारण कर ले !!
ऐसा अक्सर कहा जाता है कि महिलाएं बंटवारा प्रेमी होती हैं और घरों में कलह बंटवारे का स्वाभाविक रूप ले लेता है !
भाई भाई में औरतें ही बंटवारा करवाती हैं ऐसा कुछ ऐतिहासिक बंटवारे से लोग साबित करते रहते हैं !!
राम और भारत के बंटवारे की नीव कैकेई ने रखी थी !! कौरवों और पांडवों के बीच भी द्रौपदी ही बंटवारे तथा युद्ध के लिए कुछ हद्द तक जिम्मेदार थीं! जिनका आधार बना कर दुर्योधन हद्द से आगे गुजर गया।
बटवारों को सहजता से लेना चाहिए और इसे जीवन का अंग मान कर राजी खुशी से अलग हो जाना चाहिए। बंटवारे के इतिहास में कुटिलता, लालच और हिंसात्मक सोच, हड़पने की प्रवृत्ति जहां पाई जाती है वहां बंटवारा दुखद और टीस से भर जाता है। बांट के खाइए ऐसी ही सीख बड़े बुजुर्ग घरों में, समाज में और शिक्षक विद्यालयों में बच्चों को देते रहते हैं। कहीं इसी सीख का असर बच्चों के बड़े होने पर अपना असर तो नहीं दिखाता है।

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