“सच्चा मन” Posted on 2 June 20242 June 2024 By Mahendrakumar Singh No Comments on “सच्चा मन” बड़ी चालाकी झूठ फरेब चोरी करके तू भी देख। भला न होगा तेरे तन का भला न होगा तेरे मन का। कब तक कोई करेगा प्यार क्या इक तरफा होगा इज़हार। सच्चे मन से करो प्रयास ईश्वर देगा अपने आप। Poems