“मन” Posted on 28 May 202428 May 2024 By Mahendrakumar Singh No Comments on “मन” मन जीत लिया जो तूने जग जीत लिया तब तूने। मन हार गया यदि तेरा जग हार गया तब तूने। पक्षी बन तूं उड़ता जा जग जीवन में बढ़ता जा। मन के कचोटने से भी मन की तुम मत सुनता जा। Poems