” काल “
ये काल,किसे कब छोड़ता है ? न तुझे छोड़ता है,न मुझे छोड़ता है। राजा हो रंक,सभी को छेंडता है। ये काल,किसे कब छोड़ता है ? तमन्ना की लौ,जल गई जिंदगी में। हसरत के फूल,खिल गए बागवां में। करो रोशनी,लौ जलाओ जहां में। तमन्नाए जीवन,चरागे बनाओ। लड़ो काल से,उसे तुम हराओ। जहां जिंदगी है,वहीं मृत्यु आए।…